डॉ. लवलेश दत्त जाने-माने युवा साहित्यकार एवं संपादक हैं। आप हिन्दी साहित्य की सभी प्रमुख विधाओं में अपनी लेखनी चलाते हैं, लेकिन आपकी ख्याति एक युवा कहानीकार के रूप में अधिक है। आपकी कहानियाँ देश की विभिन्न प्रिंट एवं ऑनलाइन साहित्यिक पत्रिकाओं में पढ़ी जा सकती हैं। हिन्दी विषय में पीएच०डी० की उपाधि से विभूषित डॉ. लवलेश दत्त के दो कविता संग्रह एवं तीन कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। बरेली, उत्तर प्रदेश निवासी डॉ. लवलेश दत्त ने दस वर्ष तक बरेली से प्रकाशित ‘साहित्यायन’ त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका का कुशल सम्पादन किया जबकि पिछले तीन वर्षों से आप अपनी त्रैमासिक पत्रिका ‘अनुगुंजन’ का संपादन-संचालन कर रहे हैं साथ ही अनुकृति प्रकाशन के नाम से एक साहित्यिक प्रकाशन भी चला रहे हैं।