रमेश टेहलानी के बर्थ सर्टिफिकेट पर अजमेर छपा है और डिग्री के नाम पर इन पर एम.बी.ए. का ठप्पा लगा है। दुनिया जहान की मल्टीनेशनल बैंकों की नौकरी-चाकरी करते समय इन्हें महसूस हुआ कि इन कुछ लाखों की नौकरी में करोड़ो का सुख और साहित्य जीवन से खोता जा रहा है। इसलिए कुछ ऐसा किया जाए ताकि जल्द मजबूरी के कामों से रिटायर होकर मर्जी के साहित्य के साथ सुख-संगम किया जाए। इसलिए आजकल रियल एस्टेट बिजनेस में कुछ क्रांतिकारी करने के प्रयासों में जुटे हैं। रोजी-रोटी के लिए ये दिन-दहाड़े जमीन-जायदाद-सम्पत्ति खरीदते-बेचते हैं और सूरज की ड्यूटी खत्म होने के बाद लिखते-पढ़ते हैं। आधार कार्ड में अजमेर का पता लिखा है जहाँ 'सुख-सम्पत्ति' नामक रियल-एस्टेट कम्पनी में सी.ई.ओ. के विजिटिंग कार्ड पर इनका नाम अंकित है। दो अंग्रेजी किताबों के बाद यह इनकी कुल तीसरी और हिन्दी की पहली किताब है।.