Product Description – किताब के बारे में – हम कितने भी बड़े हो जाए लेकिन बचपन का प्यार हमारे दिल के किसी कौने में हमेशा के लिए बस जाता हैं | वह प्यार किसी को स्कूल में, किसी को कोचिंग में तो किसी को पड़ोस में मिलता हैं | इस कहानी के मुख्य किरदार वीर को वह प्यार स्कूल में मिला | उसके बाद उसने भी बाकी प्रेमियों की तरह अपनी क्लास की सबसे खुबसूरत साथी मीरा के साथ जिन्दगी जीने के सपने संजोए | मीरा ने भी ऐसी ही कल्पना की, लेकिन परिस्थियाँ ऐसी बनी की दोनों के सपने अधूरे रह गए | क्या दोनों एक दुसरे से मिल पाएँगे ? या वीर जो डिप्रेशन का शिकार हो गया हैं वह मीरा तक पहुँचने से पहले ही कुछ कर बैठेगा ? जानने के लिए पढ़िये किताब आख़िरी पन्ना | P.S – वीर, हर वो इंसान हैं जिसे किशोर अवस्था में प्यार हुआ या उसका एहसास हुआ | मीरा हर वो लड़की हैं जिसने किशोर अवस्था में अपने प्रेमी के साथ जिंदगी बसर के खूब सारे सपने सजाए |
About the Author – लेखक हर्ष जैन मध्यप्रदेश के बाबा महांकाल की नगरी के वाशिंदे हैं | उज्जैन में ही पलकर बड़े हुए हर्ष बीए तृतीय वर्ष के छात्र हैं और विगत 5 सालों से मुंबई में रहकर फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं | वर्ष 2020 में एक कैम्पेन के तहत उनकी कुछ कहानियाँ छपी थी | उपन्यास के रूप में उनका यह पहला प्रयास हैं |
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