TOPI By Sekhar Shashank

  • Language ‏: ‎ Hindi
  • Paperback ‏: ‎ 192 pages
  • ISBN-10 ‏: ‎ 9390944082
  • ISBN-13 ‏: ‎ 978-9390944088
  • Item Weight ‏: ‎ 192 g
  • Dimensions ‏: ‎ 5.5 x 0.5 x 8.5 cm

Product Description – 

लॉकडाउन के कारण एक मल्टीनेशनल कंपनी के पास बैठने वाले मोची नरेश का काम-धंधा बंद हो गया. मुकेश के कारखाने पर ताला लटक गया, सो उसे अपनी बूढ़ी माँ को कन्धे पर लादकर पैदल ही दिल्ली से गाँव निकलना पड़ा. महेश चोरी करता था, लेकिन आजकल वो भी बेरोजगार है. उधर, सोहनलाल जी के पास भी शराब की आखिरी बोतल बची है. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि बोतल का ढक्कन खोलें या सिर्फ उसे निहारते रहें. कोरोना वायरस के डर के कारण मोहल्ले के लोगों ने भी अपने घर के दरवाजे बंद कर रखे हैं, जिसके कारण शेरू भूख से बेहाल है. कोई उसे रोटी ही नहीं डाल रहा है. कॉलेज बंद होने के कारण आदित्य अपनी प्रेमिका से नहीं मिल पा रहा है. सबकी अपनी तकलीफें हैं और अपने संघर्ष. पर स्वघोषित वैज्ञानिक श्रीनिवासन के लिए तो यह ‘गोल्डन चांस’ है. वह कोरोना वायरस की दवा की खोज में लग गए हैं. ऐसी ही बीस रोचक, थोड़ी हँसाने और थोड़ी रुलाने वाली कहानियाँ इस पुस्तक का हिस्सा हैं. इन कहानियों के किरदार आप, मैं कोई भी हो सकता है.

About the Author – 

शेखर शशांक का जन्म सतना में हुआ है, लेकिन लम्बे समय से वे सुर-सम्राट तानसेन की नगरी कहे जाने वाले ग्वालियर में रह रहे हैं. वर्तमान में वे नोयडा में एक मल्टीनेशनल कम्पनी में कार्यरत हैं. इससे पूर्व वह दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, नई दुनिया समाचार-पत्र से खबरनवीस के रूप में जुड़े हुए थे. लेखन से उनका गहरा रिश्ता रहा है. उनकी पहली हिन्दी कहानी ‘घासफूस का घोड़ा’ साहित्यिक पत्रिका ‘पाखी’ में प्रकाशित हुई थी. अब तक उनके दो अंग्रेजी उपन्यास ‘वन डे यू विल रीच द टॉप’ और ‘डार्क पोयम’ प्रकाशित हो चुके हैं. हिन्दी में यह उनकी पहली पुस्तक है.

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