डॉ. पवन विजय मूलत: एक समाजशास्त्री हैं, जो अपने उत्तर आधुनिक विमर्श के लिए जाने जाते हैं। समाज की मुख्यधारा के बजाय, हाशिये पर खड़े लोगों का समर्थन, और उनके द्वारा किये गये तथाकथित असामाजिक कृत्यों का प्रकार्यात्मक विश्लेषण डॉ. विजय के साहित्य की प्रमुख विशेषता है। कानपुर विश्वविद्यालय से परास्नातक में स्वर्णपदक प्राप्त करने के पश्चात, डॉ. विजय ने कामकाजी महिलाओं पर शोध कार्य किया। डॉ. पवन विजय का व्यक्तित्व बहुआयामी है, वह समाजशास्त्री होने के साथ-साथ स्तंभकार, कवि, सामजिक कार्यकर्ता व क्रिकेट खिलाड़ी भी हैं। वर्तमान में डॉ. विजय इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के एक महाविद्यालय में समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।