Product Description – प्रेम के बीज दो लोग मिलकर बोते हैं, लेकिन उस प्रेम की पीड़ा जीवन भर किसी एक सीना छेदती रहती है। दो लोग जो मिले और फिर अजनबी हो गए। एक लड़का जिसने अपना प्रेम ढूंढ़ा अपनी हथेली की लकीरों में, लेकिन उसकी कायरता ने उससे छीन लिया उसका प्रेम। एक बेटा जो हमेशा अपने अतीत से भागता रहा लेकिन उसकी मां की मृत्यु ने उसे वापस से उन्हीं अतीत के पन्नों पर लाकर खड़ा कर दिया। दो किशोर जिन्हें शारीरिक और मानसिक बदलाव ने एक दूसरे के करीब किया, लेकिन अधूरे ज्ञान की वजह से उनका बचपन डूबते डूबते रहा गया। दो ऑनलाइन दोस्त जो समय से तलाश रहे थे अपना प्रेम, ग्रहों की दशा ने उन्हें एक दूसरे के सामने लाकर खड़ा कर दिया। एक आठवीं का लड़का जो वक़्त के साथ होने वाले नैसर्गिक बदलाव से जूझता वो सब कर लेना चाहता था जो उसके शारीरिक बदलाव चाहते थे।
About the Author – रोहन कुमार बिहार से हैं और पिछले छह सालों से दिल्ली में रह रहे हैं। साल 2018 में सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक पूरा किया फिर परिंदे थिएटर ग्रुप से जुड़ गए। तीन साल वहां थिएटर करने के बाद एक साल तकरीबन नए बच्चों को अभिनय सिखाया। थिएटर के दौरान कुछ एक शॉर्ट फिल्मों में बतौर अभिनेता काम भी किया। तीन नाटक लिखें और अपने निर्देशन में उनका मंचन किया फिर थिएटर से मन उबने सा लगा, सो उसे छोड़कर नए किक की तलाश में लग गए। मिलाजुला कर एक लेखन है जिसमें फिलहाल मन लगता है तो वही करते हैं।
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