फ़िलव़क्त दारे-सलाम, तंज़ानिया (अफ़्रीका) में रह रही प्रियंका ओम बिहार में जन्मी और पली-बढ़ी हैं। प्रियंका आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं; इनका पहला कहानी संग्रह ‘वो अजीब लड़की’ ही इनका परिचय है। किताब की लोकप्रियता ऐसी है, जिसने दो साल में ही लेखिका को आम से ख़ास बना दिया है। पाठकों ने समय-समय पर इनको कई नामों से पुकारा है; किसी ने ह़र्फ़जादी कहा, किसी ने फिलिंगस्टर, और किसी ने हिन्दी लेखन की रॉकस्टार; लेकिन प्रियंका ख़ुद को पाठकों का कहानीकार कहलाना पसंद करती हैं। अपने खुले विचारों और कहानियों को लेकर विगत दो वर्षों से हिन्दी पाठकों के बीच ख़ासा चर्चा में रह रहीं प्रियंका ओम, उन मुठ्ठीभर कथाकारों में से हैं, जो ‘सच को सच' और ‘झूठ को झूठ' कहने का बुलंद हौसला रखते हैं। इनकी कहानियों में ग़ज़ब की क़िस्सागोई होती है। ‘मुझे तुम्हारे जाने से ऩफरत है’ इनका दूसरा कहानी संग्रह है।